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दोस्तों को है जिद कमाने की

वो भी पास नहीं और दोस्तों को है जिद कमाने की
पैसों से दिल बहलता नहीं तुम सुनते नहीं ज़माने की
कैसे गुजरेंगे तुम्हारे दिन अब भी सोच लो  "गोविन्द"
मंदिर जाते नहीं और तुम्हें आदत नहीं मयखाने की
                                                गोविन्द कुंवर