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गिलहरी

मैं रोज़ एक नए खिलौनें लाता हूँ
ये शैतान बच्चे  रोज तोड़ देते है
मेरे घर के सामने एक गिलहरी रहती है
मेरे शैतान बच्चों को वो घंटो खेलाती  है
चालक दुकानदार एक पैसे नहीं छोड़ता
बेवकूफ गिलहरी एक पैसे नहीं लेती
                                               गोविन्द कुंवर