मिट्टी
किसी के लिए मिट्टी, तू किसी का सोना है
किसी मासूम बच्चे का तू उम्दा खिलौना है
जब भी तेरे पास आऊं, सीने से लगा लेना
आखिर मुझे भी तो एक दिन मिट्टी होना है
गोविन्द कुंवर