हम भी किरायेदार है
यूँ तो मकान अपना है
लेकिन हम भी किरायेदार है
शुक्र है कट रही है सांसो की क़िस्त वर्ना
किये जायेंगे बेदखल जैसे बकाएदार है
गोविन्द कुंवर