धोखा
धोखा जब- जब मेरे साथ हुआ
जाने क्यू मै और मज़बूत हो गया
पहले खुद पे रोया,फिर खुद ही चुप हो गया
दोगलापन जब- जब लोगों ने दिखाया
और दुनिया से जब-जब विश्वास उठ गया
फिर बिन कुछ कहे अपनो ने मेरा हाथ थामा
मेरा हाथ और मज़बूत और उनसे रिश्ता अटूट हो गया
गोविन्द कुंवर