तू झूठ बोल
तू झूठ बोल या फरेब कर
अब कोई बात नहीं
जिसकी हर बात में अजीब बात थी
जब वही साथ नहीं फिर तू कुछ भी कर
अब कोई बात नहीं
आज फिर किसी ने दिल दुखाया फिर उसकी याद आई
कल उसे फिर भूल जाऊंगा
और कोई बात नहीं
गोविन्द कुंवर