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सब्र करो

सब्र करो फल मिलेगा ये सरासर धोखा है
जो करना है अभी करो कल किसने देखा है
कुछ बन गए तो ठीक वरना समझ लेना कि
तुम्हारी तक़दीर कलम से नहीं बम्बू से लिखा है
                                             गोविन्द कुंवर