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जवानी के दिन ढलने लगे

मैंने तो मान लिया, दिल तू भी मान जा
कि अब जवानी के दिन ढलने लगे
देखो ये हवा थोड़ी सर्द क्या चली
सर्दी  खांसी  चलने  लगे
                              गोविन्द कुंवर