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किसे यहाँ रखना हैं

किसे यहाँ रखना हैं,किसे भगाना हैं
किसी को खुश करना हैं
तो  किसी को डरना हैं
होना जाना कुछ नहीं
NRC CAB की बहस में
सब नाक़ामियाँ छिपाना हैं

भूल जाओ तुम कि
घर पर रोटी भी लाना है
तुम हिन्दू, तुम मुसलमान हो
याद रखो और इसे ही खाना है
अगले चुनाव तक यही पकाना हैं
सुबह शाम टीवी देखो बढ़िया ड्रामा हैं
                                                 गोविन्द कुंवर