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उफ ये गर्मी!

नहाये-नहाये से रहते है दिन भर, सूरज निकलने के बाद
और भी है बेचैनी इश्क तेरे सिवा, जाना इस गर्मी के बाद
तुम नहीं मेरा(ac) याद आ रहा है ,रोज़ रात में सोने के बाद 
उनके आंसू पोंछू या पसीना कन्फ्यूज्ड था ,उनसे मिलने के बाद
                                                                  गोविन्द कुंवर