मुझे उनसे प्यार था
मुझे उनसे प्यार था, उन्ही पे ऐतबार था
मिलने का वादा था, दिल बेकरार था
वो तो आये नहीं कोई उनसे भी हंसी मिल गया
अब में भी क्या करता............................
दिन ऐतवार था , खूब चुनाव प्रचार था
एक तरफ फेंकू, दूसरी तरफ पप्पू उमीदवार था
वोट किसे दूँ ,सोच सोच के खुद ही बीमार था
वोट तो दिया नहीं, नोटा दबाकर आ गया
अब में भी क्या करता............................
गोविन्द कुंवर