भीड़ का हिस्सा
भीड़ का हिस्सा मत बना करो
भीड़ में इंसान, में भीड़ नहीं होता
इससे बेहतर अकेला ही रहा करो
सच नहीं बोलते तो चुप रहा करो
गुंडों की फसल यु ही नहीं उगता
चमचागिरी का पानी मत दिया करो
गर नेता नहीं तो नेतागिरी मत किया करो
तुम्हे सब पहचानते है, कुछ नहीं होता
तुम खुद को पहचानोगे, तन्हा भी रहा करो
तुम मेरे इतने करीब मत आया करो
तुम्हे देखकर होश नहीं रहता
तुम खुद को मुझसे ही बचाया करो
गोविन्द कुंवर