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छुड़ाने की जरूरत नहीं

इस बार जो तेरा हाथ पकडू तो छुड़ाने की जरूरत नहीं
दोनों का हाल एक जैसा है कुछ बताने की जरूरत नहीं

जब भी बिछड़ना बता देना,कोशिश मै भी करूँगा तुम भी भुला देना
मुझसे बिछड़ने के लिए किसी बहाने की जरूरत नहीं

जिन्दगी रही तो फिर मिलेंगे,गर न मिल सके तो इसी आस में जिएंगे
यूँ रोना धोना और इश्क में खुद को जलाने की जरूरत नहीं

जिन्दगी हमें मालूम है मौत ही तेरी मंज़िल है
पहले बाल गिर गए अब चेहरे पे सफेदी भी आने लगी
चलते हुए रास्तों पे ऐसे दिखावे की जरूरत नहीं
                                        गोविन्द कुंवर