झूठ भी बोलता है बहुत प्यार से
वो झूठ भी बोलता है बहुत प्यार से
दिल झूम उठता है उसके हर बात से
हँस देता हूँ क्या कहुँ इस दिल-ए-नादान से
गोविन्द कुंवर