logo
logo
बात तो सच है

बात तो सच है कि उसने मुझे छोड़ दिया
अब क्या कहें  कब कैसे क्यूँ छोड़ दिया
उसकी मर्ज़ी छोड़ दिया तो छोड़ दिया

फिर  उसकी याद आयी तो खिड़की खुला  छोड़ दिया
आधी गिलास पी और आधी यारों के नाम  छोड़ दिया

जो लोग खुद को खुदा समझते थे मैंने उनको छोड़ दिया
आज बुत बने बैठे  है जबसे मैंने पूजा करना छोड़ दिया

मैं भी तो तेरा बंदा हूँ फिर मुझे क्यों तनहा छोड़  दिया
विश्वास तुझसे यु गिरा कि फिर मंदिर जाना छोड़ दिया
                                         गोविन्द  कुंवर