उसने मेरा दिल
उसने मेरा दिल तोडा तो जरूर
लेकिन कोई वादाखिलाफी नहीं क़ी
वो अब दूर बहुत दूर है जरूर
लेकिन कोई दिन न गुजरा कि उसे याद नहीं क़ी
उसने नम आँखों से कुछ कहा तो जरूर
लेकिन मेरे आँखों के सैलाब ने ही बात नहीं क़ी
ये मेरा वहम है या कुछ तो है जरूर
जाने क्यों अभी तक उसने शादी नहीं की
गोविन्द कुंवर
Govind Kunwar